राजू और राम दोनों भाई थे। उनके पिता वकील थे। राजू कोई भी काम नहीं करता था और राम सारा काम करता था। एक दिन उनके पापा ने राजू को दूध लाने के लिए कहा। राजू ने कहा " रोज राम दूध लाने जाता है, आज मैं क्यों जाऊँ?" उसके पापा ने कहा " आज तुम ही दूध लाने जाओ।" राजू गुस्सा होकर चला गया और बिना दूध लाए पार्क में खेलने चला गया।
तभी एक आदमी वहाँ आया और एक पता दिखाते हुए बोला "बेटा मुझे यह पता बता दो।" राजू बिना उस आदमी को देखे बोला " मैं यहाँ खेलने आया हूँ ना कि किसी का पता बताने।"
वह आदमी चला गया। राजू अपने घर आया तभी कोई दरवाजे का बेल बजाया। राजू दरवाजा खोलकर बोला " पापा घर पर नहीं हैं, आप जाइए।" तभी राम आया और बोला " इसकी बात का बुरा मत मानिए।"
यह आदमी वही थे जो राजू से पार्क में पता पूछे थे। वह एक वकील थे और राजू के पिता के दोस्त थे। राजू के पिता को जब सारी बात पता चली तो उन्होंने राजू को बताया कि उसके कारण उनके दोस्त कितने परेशान हुए। राजू ने सबसे माफी मांगी।
चाँदनी
कक्षा 6
उच्च प्राथमिक विद्यालय नाऊमुंडा
सुकरौली, कुशीनगर