शनिवार, 19 फ़रवरी 2022

दोस्त

 प्यारे बच्चों!

 आज हम बात करेंगे दोस्त और दोस्ती (मित्र और मित्रता) पर।बच्चों! मुझे पता है, सभी के पास कोई न कोई मित्र (दोस्त) जरूर होता है और ये ज्यादातर स्कूल में होते हैं। जिस दिन आपका दोस्त स्कूल नहीं आता होगा, उस दिन बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता होगा, है ना? 

चलो हम ये दोस्ती एक कविता के माध्यम से समझते हैं-


दोस्त जब उदास हो

 उसके मन को गुदगुदा देना

 इतना रिश्ता दोस्ती में जरूर रखना।


जब कोई उलझन हो

 धीरे से सुलझा देना 

 इतना रिश्ता दोस्ती में जरूर रखना।


जब वो दुखी हो

 उसको गले लगा लेना 

और बस बोल देना- सब ठीक हो जायेगा

 इतना रिश्ता दोस्ती में जरूर रखना।


जब उसे जरूरत हो

बिन बताये ही उसका साथ देना बस, इतना रिश्ता दोस्ती में जरूर रखना।


जब वो कुछ कहना चाहे

और वह कह न पाये

 फिर भी तुम समझ जाना

 इतना रिश्ता दोस्ती में जरूर रखना।


बच्चों! दोस्ती का जो रिश्ता होता है ना, बड़ा ही प्यारा होता है। अगर आपके पास कोई सच्चा और अच्छा दोस्त है, तो समझ लेना आपके पास ईश्वर का उपहार है।



- नीलम 'अवि'

तुम्हारी दोस्त

सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

संता क्लॉज

 पूजा वर्मा

कक्षा 6

उच्च प्राथमिक विद्यालय नाऊमुण्डा

सुकरौली, कुशीनगर



बिल्ली और चूहा

 बिल्ली और चूहा


एक जंगल के पास एक घर था, उस घर में बिल्ली रहा करती थी। बिल्ली के घर में अलमारी, कुर्सी और मेज था।

 एक दिन बिल्ली अपने काम से बाहर चली गई तो उस घर में चूहा आया। चूहा बहुत चालाक था। बिल्ली अपने लिए खाना रखती थी और चूहा वह खाना चुरा कर खा जाता था। एक दिन बिल्ली जब बाहर से आई तो उसने देखा उसका खाना गायब था। उसने कहा 'अरे मेरा खाना कहाँ है?'

 अगले दिन फिर बिल्ली जब बाहर चली गई तो चूहे ने बिल्ली का खाना खा लिया। बिल्ली ने सोचा कि मेरे घर में कौन है जो मेरा खाना खा लेता है। उसके दिमाग में एक तरकीब आई। एक दिन बिल्ली ने कहा 'अरे मैं बाहर जा रही हूँ।' 

बिल्ली झूठ में ही नाटक करके घर से बाहर गई और अपने दरवाजे से अंदर देख रही थी। तभी उसने देखा कि चूहा आया और बिल्ली का खाना खाने लगा। बिल्ली ने झट से चूहे पर हमला कर दिया और उसे खा गई। अब बिल्ली फिर अपने घर में खुशी-खुशी रहने लगी।


दिव्या कन्नौजिया 

कक्षा 5

 उच्च प्राथमिक विद्यालय नाऊमुण्डा 

सुकरौली, कुशीनगर