दादी आई दादी आई
लिये आम की टोकरी,
हमें बुलाई, हमें बुलाई
लिये आम की टोकरी।
कच्चे कच्चे हरे-हरे
खट्टे-खट्टे बड़े-बड़े,
देकर आई पूरा दाम
दादी लाई कच्चे आम।
पके पके पीले-पीले
मीठे-मीठे बड़े रसीले,
देकर आई पूरा दाम
दादी लाई पके आम।
आओ रीमा आओ मोहन
आओ गीता आओ सोहन,
और नहीं अब कोई काम
आओ मिलकर खाएं आम।