मेरे घर है एक छाता
वह मेरे मन को भाता
धूप हो या बारिश हो
सबसे यह मुझे बचाता
जब भी मैं बाहर जाता
साथ में छाता ले जाता
फिर जब वापस घर आता
छाता रखकर मुस्काता