मंगलवार, 16 मई 2023

माँ

 माँ

माँ  एक ऐसा शब्द है ,

जो अमृत से भी मीठा है 

बच्चों के जबान पर ,

पहला शब्द यही होता है


माँ क्या है ?

बच्चों की ख़ुशी है 

बच्चों की दुःख –सुख में 

साथ देने वाली है माँ

ममता की गठरी उन पर 

न्योछावर करने वाली है माँ

माँ नहीं तो कुछ नहीं 

सारी दुनिया अधूरी है 

माँ के भी सपने होते हैं 

उसको सब अपने होते हैं 

सपनों को साकार करो 

माँ से अनन्त प्यार करो


अंश पासवान ,कक्षा -6

अखण्ड जीवन ज्योति पाठशाला

रायगंज, खखरा टोला

 खोराबार, गोरखपुर

शुक्रवार, 12 मई 2023

मेरे सपने

जब बचपन ने कहा इस जमाने से 

मुझे भी पहचान  बनानी है

सबने बड़े प्रेम से कहा 

क्या खूब तुम्हारे सपने है 


जिसने लड़की कहकर किया है 

मेरे आत्मविश्वास को कमजोर 

वो कोई और नहीं मेरे अपने हैं


जिसने कभी कहा था 

क्या खूब तुम्हारे सपने है 

वो भी मेरे ही अपने हैं 


मेरे सपनों ने ही दी है 

एक गजब ताकत मुझे

आसमान में उड़ने के मेरे सपने हैं 


लड़की हो तुम अबला नहीं 

ये सिद्ध करके दिखाना है 

हर कदम और हाथ

 हिम्मत के साथ बढ़ाना है 


मेरे सपने बस सपने नहीं 

हकीकत हैं

यह सिद्ध करके दिखाना है

          


 निधिकला, कक्षा -12

अखण्ड जीवन ज्योति पाठशाला

रायगंज, खखरा टोला 

खोराबार ,गोरखपुर

सुनहरे सपने

 सुनहरे सपने


 

जिन्दगी एक अफसाना है 

खुशियों का  खजाना है 

लेकिन खुशियों के साथ ही 

दुखों का भी आना है 


मन में एक तमन्ना है 

पर मन को भी मनाना है 

मन के अनेक इरादे हैं 

और लक्ष्य को भी पाना है 


मन में अनेक सपने है 

सपने भी तो अपने हैं

सपनों में ही खो जाना है 

सपनों को साकार बनाना है 


माना मंजिल में कठिनाई है 

फिर भी मंजिल तक जाना है 

कठिनाइयों से लड़कर 

इरादों को प्रबल बनाना है 



दृढ़ निश्चय कर लेंगे हम 

मुश्किल को आसान बनायेंगे 

फिर जाकर अपने सपनों को 

हम सुन्दर लक्ष्य दिलायेंगे 


जिसके कारण हम डरते हैं 

उस डर  को दूर भगायेंगे 

इस अन्धकार के जीवन को 

आलोकित हम कर पायेंगे 


कर्म-पथ ना विचलित होंगे ,

अब लक्ष्य तक जायेंगे 

कर लिया फैसला इस मन ने 

एक उज्ज्वल दीप जलायेंगे

 

फिर इस प्रकाशमय जीवन को

एक शोभित मार्ग दिखलायेंगे 

इस असफल जीवन को 

सफलता का मार्ग दिखलायेंगे 



 नन्दनी निषाद                                कक्षा-10

अखण्ड जीवन ज्योति पाठशाला

खखरा टोला, रायगंज

गोरखपुर

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

मच्छर

 25 अप्रैल, मलेरिया दिवस विशेष


जू जू जू कर मच्छर बोला 

काटा हाय समझ कर भोला 

हर जगह पैदा हो जाते 

जब देखो तब हमें सताते


 बहुत बेसुरा गाना गाते 

सोते-सोते हमें जगाते 

कभी-कभी ये हद कर देते 

बीमारी का दुख दे देते 


क्या तेरी मां ने नहीं सिखाया

 कभी किसी को दुख ना देना

 जल्दी से तू समझ जा मच्छर 

वरना तेरी जान मैं लूंगी


 पूजा वर्मा 

कक्षा - 8