जब बचपन ने कहा इस जमाने से
मुझे भी पहचान बनानी है
सबने बड़े प्रेम से कहा
क्या खूब तुम्हारे सपने है
जिसने लड़की कहकर किया है
मेरे आत्मविश्वास को कमजोर
वो कोई और नहीं मेरे अपने हैं
जिसने कभी कहा था
क्या खूब तुम्हारे सपने है
वो भी मेरे ही अपने हैं
मेरे सपनों ने ही दी है
एक गजब ताकत मुझे
आसमान में उड़ने के मेरे सपने हैं
लड़की हो तुम अबला नहीं
ये सिद्ध करके दिखाना है
हर कदम और हाथ
हिम्मत के साथ बढ़ाना है
मेरे सपने बस सपने नहीं
हकीकत हैं
यह सिद्ध करके दिखाना है
निधिकला, कक्षा -12
अखण्ड जीवन ज्योति पाठशाला
रायगंज, खखरा टोला
खोराबार ,गोरखपुर