राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु(पिछले भाग से आगे )
स्कूली शिक्षा-
21. एनसीईआरटी की किताबें क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
22. प्रोग्रेस कार्ड का स्वरूप बदलेगा। व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं के साथ स्व-मूल्यांकन भी जोड़ा जाएगा।
23. बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं का नया स्वरूप निर्धारित होगा। बोर्ड परीक्षाएं आसान की जाएंगी। बोर्ड परीक्षाओं के भी इंप्रूवमेंट दिए जा सकेंगे।
24. कक्षा 3, 5 और 8 में भी बोर्ड जैसी परीक्षा होगी।
25. स्कूलों की निगरानी, मूल्यांकन और गुणवत्ता सुधार के लिए नेशनल एसेसमेंट सेंटर- परख (Performance Assessment,
Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development) बनाए जाएंगे।
26. विश्वविद्यालय परीक्षाओं प्रवेश के नियम पहले जैसे ही रहेंगे।
27. "एजुकेशन ऑफ गिफ्टेड चिल्ड्रन" स्पेशलाइजेशन B.Ed में जोड़ा जाएगा।
28. चार-वर्षीय इंटीग्रेटेड B.ed में मेरिट आधारित स्कॉलरशिप दी जाएगी।
29. शिक्षकों का स्थानांतरण केवल विशेष परिस्थितियों में होगा और यह पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड होगा।
30. लोकल एक्सपर्ट्स को स्कूल में सेवा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
31. "स्कूल कॉन्प्लेक्स" नाम से स्कूलों के समूह बनाए जाएंगे जिसमें स्कूल आपस में रिसोर्सेज और शिक्षक शेयर कर सकेंगे।
32. शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे।
33. शिक्षकों के सतत विकास के लिए सीपीडी (Continuous Professional Development) कोर्स होंगे। हर शिक्षक को प्रतिवर्ष न्यूनतम 50 घण्टों की सीपीडी ट्रेनिंग पूरी करनी होगी।
34. बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों की पहचान,प्रमोशन और वेतन वृद्धि का प्रावधान होगा। शिक्षकों के लिए NCTE द्वारा प्रोफेशनल स्टैंडर्ड विकसित किए जाएंगे जो कि हर 10 साल पर रिवाइज होता रहेगा। और यही प्रमोशन और वेतन वृद्धि का आधार बनेंगे ना कि सीनियरिटी।
35. 2030 से शिक्षक बनने की योग्यता होगी-
* इंटर के बाद 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड
* स्नातक के बाद 2 वर्षीय बीएड * परास्नातक के बाद 1 वर्षीय बीएड
36. विद्यालयों में कौशल शिक्षण हेतु प्रशिक्षक तैयार करने के लिए BITEs, DIETs तथा स्कूल कॉन्प्लेक्स में लोकल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
37. पिछड़े क्षेत्रों में नए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे।
38. छोटे-छोटे विद्यालयों के कारण होने वाली समस्याओं और विसंगतियों को देखते हुए विद्यालयों का समेकन/संविलयन किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक विद्यालय के पास पूरे संसाधन और शिक्षक उपलब्ध हो।
39. एक सरकारी स्कूल को एक प्राइवेट स्कूल से जोड़ा जाएगा। दोनों आपस में विचारों और संसाधनों का आदान-प्रदान करेंगे।
40. बच्चों की सप्ताहिक-शैक्षणिक भ्रमण हेतु "बाल भवन" विकसित किए जाएंगे और विद्यालयों की पहचान "सामाजिक चेतना केंद्र" के रूप में भी स्थापित की जाएगी।
©आकांक्षा मधुर