प्रेमलता पटेल
कक्षा 8 संविलयित विद्यालय देवपुर
देवरिया सदर
आज प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय नाऊमुंडा, सुकरौली में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर विद्यालय परिवार तथा अभिभावकों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया गया।
साथ ही प्रबंध समिति की बैठक हुई। अभिभावकों के फोन में रीड लॉन्ग ऐप डाउनलोड कराया गया और उसकी प्रयोग विधि बताई गई।
घर पर पढ़ाई एवं विद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
आज का प्रश्न था-
कहानियों से आप क्या सीखते हैं?
बच्चों के उत्तर इस प्रकार रहे-
कहानियों से हम यह सीखते हैं-
1. हमें अपने माता-पिता से झूठ नहीं बोलना चाहिए।
2. अपने माता पिता का दिल नहीं दुखाना चाहिए।
3. बड़ों का सम्मान करना चाहिए और उनसे अच्छे से बात करना चाहिए।
4. चोरी नहीं करना चाहिए।
5. हमें कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
6. दूसरों की मदद करनी चाहिए। 7. हमें दूसरे की बुराई नहीं करना चाहिए।
8. हमें सब की मदद करनी चाहिए।
9. मन लगाकर पढ़ना चाहिए।
10. समय से सब काम पूरा करना चाहिए।
11. साफ सुथरा रहना चाहिए।
12. माता पिता और स्कूल का नाम रोशन करना चाहिए।
आप भी अपने बच्चों से यह प्रश्न पूछें और उनसे मिले उत्तर हमें मेल करें studentscorner1411@gmail.com पर।
जमीला खातून
कक्षा 5
प्राथमिक विद्यालय नाऊमुंडा
सुकरौली, कुशीनगर
उ०प्र०
गर्मी की छुट्टी
आज मैंने एक प्यारी सी काहानी लिखी है, प्रीती और अमन की कहानी।
प्रीती और अमन दोनों भाई-बहन हैं। दोनो एक ही स्कूल में पढ़ते हैं।
गर्मियीं की छुट्टी हुई और प्रीती अपने पापा से बोली- पापा हमें घुमाने ले चलिए। पापा बोले- ठीक है। प्रीती खुश हो गई और घूमने जाने की तैयारी करने लगी। उनके साथ दादा-दादी भी जाने वाले थे।
जिस दिन घूमने जाना था उस दिन प्रीती और अमन को बहुत मजा आया। दादी-दादा, मम्मी-पापा, प्रीती और अमन सब लोग पार्क में खेले, खूब सारी जगहें देखे और मजे किए।
प्रीती ने पापा से कहा- पापा! हम रोज यहाँ आते तो कितना अच्छा रहता। पापा हँसने लगे।
विवेक विश्वकर्मा
कक्षा 5
प्राथमिक विद्यालय नाऊमुंडा
सुकरौली, कुशीनगर
एक बार की बात है। एक गाँव मे दो लकड़हारे रहते थे। एक का नाम राम था और दूसरे का नाम राजू था। राम रोज सुबह राजू के घर जाता और उसे बुलाता। राजू उठता, कुल्हाड़ी लेता और राम के साथ जंगल मे लकड़ी काटने को चल देता।
एक दिन रोज की तरह राम राजू के घर उसे बुलाने गया। उसने आवाज लगाई- 'राजू! चलो जंगल मे लकड़ियाँ काटने।' तब राजू ने कहा की तुम जाओ मैं आज नही जाऊँगा। राम ने जब इतना सुना तो वह अकेले ही जंगल में लकड़ी काटने चल दिया।
चलते-चलते उसने एक बड़ा-सा पेड़ देखा। देखते ही राम दौड़ता हुआ उस पेड़ के पास पहुँचा और पेड़ को काटने लगा। लेकिन पेड़ कट नही रहा था और अजीब-सी आवाज कर रहा था।
राम थक गया और पास ही कटे हुए पेड़ पर बैठ गया। अचानक बहुत तेज आँधी आई। राम उस कटे पेड़ पर बैठा ही रहा। जिस पेड़ को राम काट रहा था वह पेड़ आँधी मे गिर गया। राम ये सब देख कर हैरान हो गया। आँधी खतम हो गई। राम गिरे हुआ पेड़ के पास गया तो देखा की पेड़ के जड़ से थोड़ा-सा उपर सोना-चाँदी था। राम ने सोचा कि इसीलिए पेड़ नही कट रहा था। वह इधर-उधर देख कर सब सोना-चाँदी वहा से उठा लिया और अपने घर को चल दिया।
घर पहुँचते ही यह सब बात अपनी पत्नी से बताई। पत्नी यह सब सुनकर बहुत खुश हुई और कहा कि जल्दी से एक घर बनवाओ। राम ने सोना-चाँदी बेचकर एक सुंदर-सा घर बनवाया और खुशी से रहने लगा।
यह सब देखकर राजू पछताने लगा और अपने मन मे सोचने लगा कि राम के साथ मुझे भी जाना चाहिए था। लेकिन समय बीत जाने पर पछताने से क्या फायदा।
आज का प्रश्न था-
एक पौधा पानी देने के बावजूद सूख रहा है। उसे बचाने के लिए आप क्या करेंगे?
बच्चों के उत्तर-
1. पौधे के अगल-बगल से घास सूखे फूल और जंगली पौधों को निकालेंगे और मिट्टी को खोदकर भुरभुरा करेगे। फिर खाद व पानी डालेगे। दो-चार दिन देखभाल करने से पौधा फिर से हरा भरा हो जाएगा|
2. खुरपी से पौधे की मिट्टी भुरभुरी करेंगे। उसमें गोबर की खाद डालेंगे। अगर ठीक नहीं हुआ तो दुकान पर सारी बात बताकर सही दवा लाकर उसमें डालेंगे। फिर अच्छे से देखभाल करेंगे तो पौधा ठीक हो जाएगा।
3. पौधे से सारे सूखे पत्ते निकाल देंगे। सूखी डाल को काट कर अलग कर देंगे। पौधे की मिट्टी को खुरपे से भुरभुरी करके फिर पानी देना शुरू करेंगे। बड़े लोगों से भी पूछेंगे की पौधे को कैसे ठीक किया जाए। ऐसे देखभाल करके पैधे को फिर से हरा-भरा कर देंगे।
आप भी अपने बच्चों से यह सवाल पूछें और उसने मिले रोचक उत्तर हमें भेजें studentscorner1411@gmail.com the पर।