रविवार, 14 जून 2020

कहानी- जुड़वा बेटियाँ

जुड़वा बेटियाँ

एक गांव में एक आदमी रहता था। उसके कोई संतान नहीं थी। कुछ दिन बाद उसकी जुड़वा बेटियां हुईं। उसकी पत्नी जुड़वा बेटियों को जन्म देते ही मर गई। 

उस आदमी ने अपनी दोनों बेटियों को बड़ा किया और उन्हें ऐसे-ऐसे काम भी सिखाए जो लड़के करते थे, जैसे- घोड़े दौड़ाना और दौड़ना। इन सब बातों से गांव वाले जलने लगे थे

 एक बार गांव वालों ने आपस में मिलकर फैसला किया और उन दोनों बेटियों और उनके पिता को गांव से निकाल दिया। गांव से बाहर जाकर वह तीनों एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। थोड़ी देर बाद उन्होंने देखा कि दो चोर गांव में चोरी करके भाग रहे थे। उन्होंने जब चोरों को भागते हुए देखा तो दोनों लड़कियां घोड़े पर बैठकर उन चोरों को दौड़ा ली और पकड़ लीं।

गांव वाले दौड़े-दौड़े वहाँ पहुंच चुके थे। गांव वालों ने दोनों बेटियों से और उनके पिता से माफी मांगा और कहा कि तुम तीनों गांव से बाहर नहीं जाओगे, चलो तुम लोग गांव में ही रहना और हमें माफ कर दो। फिर वह तीनों खुशी-खुशी वापस अपने घर जाकर रहने लगे।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बेटियों को भी काबिल बनाना चाहिए।

- चाँदनी
कक्षा- 5
प्राथमिक विद्यालय नाऊमुंडा
क्षेत्र-सुकरौली, कुशीनगर