नवनीत
कक्षा- 8
पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला छत्ते
जसवंतनगर
जनपद- इटावा, उ०प्र०
योग
योग को आसन तक ही सीमित कर देने से आंशिक रूप से ही समझा जाता है। लेकिन लोगों को शरीर, मन और साँस को एकजुट करने में योग के लाभों का एहसास नहीं है। किसी भी आयु वर्ग और किसी भी शरीर के आकार की व्यक्ति द्वारा योग का चयन और इसका अभ्यास किया जा सकता है। यह किसी के लिए भी शुरू करना संभव है। आकार और फिटनेस के स्तर से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि योग में लोगों के अनुसार प्रत्येक आसन में संशोधन उपलब्ध है।
साँस हमारे कार्यों के आधार पर एक महत्वपूर्ण बल है। अगर हम व्यायाम करते हैं तो हमें अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है इसलिए हम साँस तेजी से लेते हैं और यदि आराम कर रहे होते हैं तो साँस आराम से लेते हैं। योग में पूरा ध्यान साँस पर एकत्रित करना रहता है। योगाभ्यास आराम से साँस लेने और साँस छोड़ने को बढ़ावा देता है।
योग की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'युग' से हुई है जिसका अर्थ है जुड़ना, एकत्रित होना या कनेक्ट होना। यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का संघ है। योग 5000 साल पुराना भारतीय दर्शनशास्त्र है। इसका सबसे पहले प्राचीन पवित्र वेद ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था। प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
जीवन का सुंदर आकार बनाता है
नासमझ को समझदार बनाता है
प्राणायाम से रिदम में चलती है सांसे
योग स्वयं से साक्षात्कार कराता है।