वो माँ, दादी, मौसी, चाची, बुआ, दीदी…जो भी हो, एक ऐसे माहौल में अपने बच्चे के पठन-पाठन से लेकर संस्कार-व्यवहार तक के परिमार्जन पर ध्यान दे रही है जहाँ अधिकतर अभिभावकों को इन सबसे कोई लेना-देना नहीं.
आज विद्यालय के ऐसे ही बच्चों की माँ/अभिवावक को 'नारी शक्ति सम्मान' द्वारा सम्मानित किया गया.
तुम चाहो तो दुनिया बदल दोगी
नींव की हर ईंट तुम्हारी है
08 march 2019